गीत "मेरी नज़र में तुम हो"


"इस गीत में एक इन्सान किसी के प्यार में इस कदर खो जाता है कि उसे हर जगह वही दिखाई देता है |"

 
मेरी नज़र में तुम हो
मेरे जिगर में तुम हो
जब देखता आईना दिखते मुझे तो तुम हो
अब हो गया दीवाना
मैं सब से ही अंजाना
तुम से ही अब तो मैं हूँ मुझसे ही अब तो तुम हो
जब देखता आईना दिखते मुझे तो तुम हो
एक पल कटे न तुम बिन
चाहे जहाँ भी जाऊं
यादें तुम्हारी मुझको तेरे पास ही बुलाएँ
जब देखता आईना दिखते मुझे तो तुम हो
कैसी है बे-करारी इसमें मजा है आये
कभी लगती ये दुआ है 
कभी लगती ये सजा है
जब देखता आईना दिखते मुझे तो तुम हो
मेरी नज़र में तुम हो
मेरे जिगर में तुम हो
मेरी नज़र में तुम हो
मेरे जिगर में तुम हो
 
अर्चना

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