"इस कविता में मैंने इश्क के बारे बताया है"
कोई इसे कहता है सजा है
कोई इसे कहता है मजा है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
कोई इसे कहता है नशा है
कोई इसे कहता है खता है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
कोई इसे कहता है दुआ है
कोई आग का दरिया कहता है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
कोई इसमें जां लेता है
और कोई हँसकर जां देता है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
रब ही जाने ये इश्क क्या है
अर्चना
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