गीत "बागों में बहारें"




बागों में बहारें हैं चंदा संग सितारे हैं

देखो ये कितने प्यारे सारे नज़ारे हैं -२


हम और तुम दूर हैं क्यूं इतना मजबूर हैं

वक्त ने सितम ये ढाया है अपना हुआ पराया है

एक गलतफ़हमी ने ये सब मंजर दिखलाया है

मंजर दिखलाया है

मंजर दिखलाया है

मंजर दिखलाया है


बागों में बहारें हैं चंदा संग सितारे हैं

देखो ये कितने प्यारे सारे नज़ारे हैं


क्या मुझसे दूर रहकर तू खुश रह पाता है

फिर क्यूं एक खाता के लिए दोनों का दिल दुखाता है

ऐतबार मेरा कर अपना जनम- जनम का नाता है

जनम- जनम का नाता है

जनम- जनम का नाता है

जनम- जनम का नाता है


मैं और तुम जब होंगे साथ

फिर से देखेंगे एक ख्याब

कश्ती होगी साहिल पर

मांझी जब थामेगा हांथ


ला ला ला ला ला ला ला

ला ला ला ला ला ला ला








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें