वृक्ष तो होते हैं वरदान
देते सबको जीवन दान
न काटो दिन प्रतिदिन इनको
वर्ना होगा दुषपरिणाम
भोजन देते औषधि देते
आये गये को छाया देते
फिर भी क्या गलती है इनकी
जो मिलता है तिरस्कार
अगर ना होंगे वृक्ष धरा पर
बादल ना बरसेंगे छम- छम
सूखी हो जायेगी यह धर
कोयल न कूकेगी चंचल
फिर ना होगी ये हरियाली
रुक जायेगी दुनिया सारी
अभी करो तुम वृक्षारोपण
युगों-युगों तक मिलेगा जीवन
अर्चना
अर्चना
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