बालगीत " खेलकूद "


 खेलकूद

खेलकूद खेलकूद
खेलकूद खेलकूद
घर में बैठे क्यों दिन- रात 
बाहर भी खेलें कुछ साथ 
खुली हवा में आकर देखें
होता कितना अच्छा स्वास्थ्य  
खेलकूद खेलकूद
खेलकूद खेलकूद
खेलकूद से ही बनता है
सुंदर और मजबूत शरीर 
बस टी.वी. ही देखें हरदम
ये तो नहीं ज़रूरी चीज 
खेलकूद खेलकूद
खेलकूद खेलकूद
संग खेलेंगे दोस्त बनेंगे
मन को भी तो होगी खुशी 
सीखेंगे कुछ उनसे हम  
और बाँटेंगे कुछ अपना भी
खेलकूद खेलकूद
खेलकूद खेलकूद
उपवन में जाकर देखेंगे
कितनी सुंदर है प्रकृति 
रंग-बिरंगे फूल हैं कितने
कितने प्यारे हैं पंछी
खेलकूद खेलकूद
खेलकूद खेलकूद
माना पढ़ना जरूरी है
पर हम खेलें-कूदे भी
पढ़- पढ़ के जब थक जाते
तब खेल ही देता है स्फूर्ति 
खेलकूद खेलकूद



खेलकूद खेलकूद

अर्चना



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