आ जाओ घनश्याम
हो आ जाओ घनश्याम
अँखिया थक गयी पंथ निहार
हो कर दो अब उपकार
मुझको बस तुमसे ही आस
भूख लगे ना प्यास लगे है
बस तेरी ही याद डसे है
मिल जाए जो धूल तुम्हारी
हो मिल जाए जो धूल तुम्हारी
हो जीवन उद्धार
हो आ जाओ घनश्याम
अँखिया थक गयी पंथ निहार
तुम बिन तो अब जी ना पाऊँ
बिरह-अग्नि में जलती जाऊँ
साँस तुम्ही हो प्राण तुम्ही हो
हो साँस तुम्ही हो प्राण तुम्ही हो
तुम ही हो संसार
हो आ जाओ घनश्याम
अँखिया थक गयी पंथ निहार
बैरी लगे ये सारा जमाना
प्रेम को मेरे ना पहचाना
कहता है मुझको ये पागल
हो कहता है मुझको ये पागल
तुम ही दो समझाए
हो आ जाओ घनश्याम
अँखिया थक गयी पंथ निहार
हो कर दो अब उपकार
मुझको बस तुमसे ही आस
अर्चना
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