मेरे प्यारे कन्हाई
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
हो मेरे प्यारे कन्हाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
हो मेरे प्यारे कन्हाई मैं दौड़ी चली आयी
मटकी भी टूटी मेरा माखन भी बिखरा
जागे और सोते देखूं तेरा ही सपना
तुझ से मिलन की धुन मन में समायी
तुझ से मिलन की धुन मन में समायी
हो मेरे प्यारे हो मेरे नटखट हो मेरे मोहन
हो मेरे प्यारे कन्हाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
गजरा भी टूटा मेरा कजरा बहा है
मन के इस मंदिर में मोहन बसा है
सुध तन मन की तो मैंने बिसराई
सुध तन मन की तो मैंने बिसराई
हो मेरे प्यारे हो मेरे श्यामा हो मेरे गिरधर
हो मेरे प्यारे कन्हाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
पांव में कंकड़ और कांटे चुभे हैं
कोसों की दूरी भी थोड़ी लगे हैं
दर्शन को तेरे सब छोड़ छाड़ आई
दर्शन को तेरे सब छोड़ छाड़ आई
हो मेरे प्यारे हो मेरे कृष्णा हो मेरे गोविंद
हो मेरे प्यारे कन्हाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
हो तूने मुरली बजाई मैं दौड़ी चली आयी
अर्चना
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