जिसका मुझे था इंतज़ार ,वो शुभ दिन आया है
मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है
जिसका मुझे था इंतज़ार ,वो शुभ दिन आया है
मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है
अब नहीं रकते पाँव ज़मीन पे
अब नहीं रकते पाँव ज़मीन पे
नैना टिके हैं सिर्फ़ उन्ही पे
नैना टिके हैं सिर्फ़ उन्ही पे
अब हुआ मेरा उद्धार,वो शुभ दिन आया है
मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है
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चुन -चुन पुष्प मैंने माला बनाई
चुन -चुन पुष्प मैंने माला बनाई
दीपक से राहें भी सजाईं
दीपक से राहें भी सजाईं
आज पाई अनोखी सौग़ात वो शुभ दिन आया है
मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है
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आज अवध में बजे शहनाई
आज अवध में बजे शहनाई
होके दीवाने नाचे लोग लुगाई
होके दीवाने नाचे लोग लुगाई
खुश हैं धरती आकाश वो शुभ दिन आया है
मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है