मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन
ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा
नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता
आजा जल्दी से तू अब ना और सता
चाहे यमुना तीर बुला ले ,चाहे कुंज ग़लिन में आ रे
मैं तो भागी आऊँगी चाहे ताने ये जग मारे
अब लगन लगा ली है तुमसे,अब लगन लगा ली है तुमसे
कोई मुझको रोके ना
चाहे दिन चढ़ते ही बुला ले ,चाहे अंधियारे में आ रे
मैं तो उड़ती आऊँगी बनकर चंचल चिड़िया रे
अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे
कुछ मुझको सूझे ना
चाहे गैया संग तू आ रे ,चाहे गवाले संग हो सारे
मैं तो मिलने आऊँगी छम छम पायल को बजा के
अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे
फिर काहे की चिंता
ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा
नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता
आजा जल्दी से तू अब ना और सता
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