दिवाली २


चलो घर को सजाएँ , पुष्प राह में बिछाएँ 

सुंदर दियों से आँगन चमकाएँ 

आओ गाएँ मंगल गान 

 आने वाले हैं श्री राम ,आने वाले हैं श्री राम ,

हो  ,आने वाले हैं श्री राम ,हो आने वाले हैं श्री राम ,


जिसने पुत्र का धर्म निभाया, मर्यादा का को समझाया 

खाके झूठे फल शबरी के ,खाके झूठे फल शबरी के 

प्रेम का पाठ पढ़ाया 

सुनो ऐसे ही हैं श्री राम ,मेरा इनको प्रणाम 

सुनो ऐसे ही हैं श्री राम ,मेरा इनको प्रणाम 


जिसने पति का धर्म निभाया,सीता को रावण से छुड़ाया 

करके वध उस पापी का जिसने ,करके वध उस पापी का जिसने

राम राज्य वापस लाया 

वापस आए हैं श्री राम , शुभ दिन लाए हैं श्री राम 

वापस आए हैं श्री राम , शुभ दिन लाए हैं श्री राम 


तुम भी रट लो एक ही नाम राजा राम राम राम 

फिर ना बिगड़ेगा को कोई काम काम काम 


राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 







गजानन प्यारे । गणेश जी का नया भजन

गजानन प्यारे । गणेश जी का  नया भजन 



आओ गजानन ,आओ गजानन ,आओ गजानन 
आओ गजानन ,आओ गजानन ,आओ गजानन 

आओ मेरे घर में पधारो गजानन प्यारे 
आओ मेरे घर में पधारो, गजानन प्यारे 
तुमको आने में देर लगी ,हम राह निहारे 
तुमको आने में देर लगी ,हम राह निहारे 
गजानन प्यारे,गजानन प्यारे 
गोरा शिव के दुलारे ,गोरा शिव के दुलारे 
आओ मेरे घर में पधारो गजानन प्यारे 
आओ मेरे घर में पधारो गजानन प्यारे 

मैंने रंगोली से है , घर को सजाया 
और फूलो से सारा महकाया 
चोखट पे बांधे वंदनवार ,गजानन प्यारे 
चोखट पे बांधे वंदनवार ,गजानन प्यारे
आओ मूषक हो के सवार ,गजानन प्यारे 
आओ मूषक हो कर सवार ,गजानन प्यारे 

मैंने तुम्हारे लिए भोग बनाया 
मेवा और फल को मँगवाया  
 मोदक भी हैं भर थाल ,गजानन प्यारे
 मोदक भी हैं भर थाल ,गजानन प्यारे
आओ प्रेम से करो स्वीकार , गजानन प्यारे 
आओ प्रेम से करो स्वीकार , गजानन प्यारे 

मैंने तो सब सखियों को बुलाया 
ढोल मंजीरे और शंख बजाया 
अब हम नाचेंगे सारी रात  ,गजानन प्यारे 
अब हम नाचेंगे सारी रात  ,गजानन प्यारे 
आओ दे दो करुणा  का दान ,गजानन प्यारे 
आओ दे दो करुणा  का दान ,गजानन प्यारे 



 






मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन

मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन 





ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा 

नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता

आजा जल्दी से तू अब ना और सता 


चाहे यमुना तीर बुला ले ,चाहे कुंज ग़लिन में आ रे 

मैं तो भागी आऊँगी चाहे ताने ये जग मारे 

अब लगन लगा ली है तुमसे,अब लगन लगा ली है तुमसे

 कोई मुझको रोके ना 


चाहे दिन चढ़ते ही बुला ले ,चाहे अंधियारे में आ रे 

मैं तो उड़ती आऊँगी बनकर चंचल चिड़िया रे 

अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे

कुछ मुझको सूझे ना 


चाहे गैया संग तू आ रे ,चाहे गवाले संग हो सारे 

मैं तो मिलने आऊँगी छम छम पायल को बजा के 

अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे

फिर काहे की चिंता 


ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा 

नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता

आजा जल्दी से तू अब ना और सता 







तेरे आँचल की छाया में

 तेरे आँचल की छाया में 

 बीता हर पल सुकून से 

 तेरी मिट्टी की ख़ुशबू से 

 जीवन कितना खूब लगे 

मैं ख़ुशक़िस्मत जन्मा यहाँ पे ,मैं ख़ुशक़िस्मत जन्मा यहाँ पे 

अब तो है मेरा सपना यही ,अब तो है मेरा सपना यही 

तुझको मैं देखूँ हर रोज़ बढ़ते ,तुझको में देखूँ  सजते - संवरते 

सजते - संवरते ।

मेरा ये यौवन मेरी ये काया 

चित्त भी मेरा और मेरा साया 

तुझ से जुड़ा है तुझ से बना है 

मेरी तो नस- नस में तू रमा है 

कभी भूलूँ ना तुझको कभी छोड़ूँ ना तुझको 

चाहे जो भी हो जाए ये गगन गिर भी जाए 

मेरी बाहों से तुझ को कोई छुड़ाने ना पाए  

मेरी बाहों से तुझ को कोई छुड़ाने ना पाए  

हाँ  छुड़ाने ना पाए  ।

आशा के दीपक में यू ही जलाऊँ 

तेरे माथे पर हर साल मैं चंदन लगाऊँ 

तेरी शान की ख़ातिर ,ऐ देश मेरे 

तेरी शान की ख़ातिर ,ऐ देश मेरे ,ऐ देश मेरे 

मैं सौ जन्मों तक अपने प्राण गवाऊँ 

अपने प्राण गवाऊँ 

अपने प्राण गवाऊँ ।