मौत पर कविता :
दोस्तों मौत वो दुखद घटना है जो कि कभी भी, कहीं भी ,किसी को भी मिल सकती है | पता नहीं के मौत के
बाद कैसा अनुभव होता है फिर भी इस मौत से सब ही डरते हैं | यह अमीर- गरीब कुछ भी नहीं समझती
है इसका जब मन करता है अचानक से चली आती है | मौत पर कविता ही हमारी आज की पोस्ट का शीर्षक है |
मौत है ऐसी दुखद घटना
ना जाने ये कब आ जाए
इसके डर से तो सब जाने
अच्छों- अच्छों की शामत आए
करे ना इसकी कोई कल्पना
फिर भी होता इससे मिलना
जिसको होता यकीन जीवन पर
उसको ही यह चाहती छलना
आती है यह रूप बदलकर
कभी होले से कभी डरा कर
वख्त कभी भी यह ना देखे
इसकी मनमानी से मुश्किल बचना
ना जाने ये कहाँ ले जाए
अपनों से ये दूर कराये
बहुत बुरी यह लगती हमको
फिर भी चेन की नींद सुलाये
कड़वा सच सबके जीवन का
एक दिन होता इसको आना
क्योंकि नए जनम का प्रारम्भ
मौत के बाद ही लिखा है होना
मित्रों यदि आपको हमारी यह प्रस्तुति "मौत पर कविता " अच्छी लगे तो हमे comment करें |आप यह भी पढ़ सकते हैं |
मौत एक सार्वभौम सत्य, नकार न सका इसे कोई चाहे जितना भी दम्भ भरे पुरुसत्व।
जवाब देंहटाएंमौत तू इक शाश्वत कविता है, जिसका कवि मी सिर्फ तू ही है।
आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/04/64.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंशानदार रचना
जवाब देंहटाएंसादर
आदरणीय अर्चना जी --- बहुत खूब लिखा आपने | इस विषय पर मेरी कुछ पंक्तियाँ ---
जवाब देंहटाएंसुख- दुःख का ताना बाना है ,
कहीं गुलशन कहीं वीराना है ;
तन , मन और जीवन ,
पल - पल बदले इनका मौसम ;
कहीं हंसी कहीं रोदन बिखरे
नियत जन्म के साथ मरण ;
नित गतिमान यायावर का -
जाने कहाँ ठौर ठिकाना है ?
आज मिला कोई मसीहा बनकर
कल जाने किन गलियों में खो जाना है --
प्रभावी और सराहनीय रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई |
आपकी पंक्तियाँ भी बहुत खूबसूरत हैं|
हटाएंआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 11अप्रैल 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंमौत पे जीती जागती कविता ... सत्य पे परिचय कराते भाव ... सुन्दर रचना है ...
बहुत प्रभावपूर्ण है
जवाब देंहटाएंकविता पढ़ने के लिए सभी मित्रों का आभार|
जवाब देंहटाएं