दोस्ती पर कविता | poem on friendship
जो बाँटे खुशियों के पल
और दुख में भी जो साथ निभाये
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
साथ में खेले चोर-पुलिस और
चुपके-चुपके सिनेमा जाये
होमवर्क में हाथ बँटाये और
मास्टरजी से मुझे बचाए
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
साईकिल से जो रेस लगाये
संग मेरे वो पतंग उडाये
दौड़ते -दौड़ते जो गिर जाऊं
हाथ बढ़ाकर मुझे उठाये
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
अगर हो जाऊं बीमार कभी
तो वो भी न स्कूल को जाये
दिन-भर रहकर साथ मेरे
वो हँसा-हँसा कर मन बहलाये
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
जीत में मेरे साथ जो नाचे
और कसकर गले लगाये
किसी से मैं जो लड़ जाऊं
सब कुछ छोड़ के दौड़ा आये
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
दोस्त बिना तो मजा नहीं है
सब कुछ हो फिर भी कमी है
राजदार जो हो जीवन का
जिस पर दिल भरोसा कर पाये
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
जो बांटे खुशियों के पल
और दुख में भी जो साथ निभाये
एक दोस्त होना चाहिये एक यार होना चाहिये
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Very good poem.
जवाब देंहटाएंVery good poem.
जवाब देंहटाएंthanks
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