खाली हाथ
खाली हाथ तू आया था और खाली हाथ तुझे जाना
फिर क्यों इतराता इतना कुछ साथ न तुझको ले जाना
दौलत शोहरत जो है तेरी पल भर में ही मिट जायेगी
पर मानवता जो तूने कमाई संग साथ तेरे वो जायेगी
बन जा तू एक पेड़ घना और सबको ही छाया पहुंचा
बन मूरत एक स्नेहभरी और सबसे ही तू प्रेम जता
मेरा तेरा छोड़ भी अब पूरी दुनिया को ले दोस्त बना
बस प्रभु ने जो सीख है दी तू जान उसे औरों को सिखा
खुद जियें और जीने दे यही है सबसे मंत्र बड़ा
खाली हाथ तू आया था और खाली हाथ तुझे जाना
फिर क्यों इतराता इतना कुछ साथ न तुझको ले जाना
अर्चना
अर्चना
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