माँ
सब से प्यारी मेरी माँ
सबसे न्यारी मेरी माँ
जब चोट मुझे लग जाती
नम उसकी आंख हो आती
जब भूख मुझे है लगती
वो दौड़ी- दौड़ी जाती
जब परीक्षा मेरी आती
तो वो व्याकुल हो जाती
खुद तो वो पुराना पहने
मेरी नयी पोशाके लाती
कभी मुझे पढ़ाने को
तगड़ी सी डांट लगाती
जब कोई ना मुझ संग खेले
तो वो दोस्त बन जाती
सब से प्यारी मेरी माँ
सबसे न्यारी मेरी माँ
अर्चना
अर्चना
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