आज श्याम से मेरी जो नज़र
"इस भजन में श्री कृष्ण के मोहक रूप का वर्णन है"
हाय आज श्याम से मेरी जो नज़र टकराई
दिल में खुशी की एक लहर दौड़ आई
बार -बार देखने को आस मन मे आई
घर जाती- जाती मै फिर से लौट आई
हाय आज श्याम से मेरी जो नज़र टकराई
मोहक है रूप इतना किसी को भी खींचे
मोर मुकुट सर पर जिसे देखके हम रीझे
और फिर कान्हा ने ऐसी मुरली भी बजाई
मंत्र मुग्ध हो गयी थी क्या नारियां क्या गाय
हाय आज श्याम से मेरी जो नज़र टकराई
दिल में खुशी की एक लहर दौड़ आई
नृत्य जब वो करता तो झूमती दिशायें
पायल जब बजती है तो जिया डोल जाये
और सुदर्शन चक्र जब कृष्णा घुमाये
एक- एक कण दुनिया का फिर हर्षित हो जाये
हाय आज श्याम से मेरी जो नज़र टकराई
दिल में खुशी की एक लहर दौड़ आई
बार -बार देखने को आस मन मे आई
घर जाती- जाती मै फिर से लौट आई
हाय आज श्याम से मेरी जो नज़र टकराई
अर्चना
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