कविता"अदभुत संगीत"


अदभुत संगीत


"इस कविता में संगीत की कुछ विशेषताएँ बताई गई हैं"


जाने कौन सा जादू  है 

इस अदभुत संगीत  में

सुनता है जो कोई इसे
वो तो मंत्रमुग्ध हो जाये
हर एक चीज़ में ये तो रमा है 
चुपके से जब हमने सुना है
भंवरे की गुन-गुन में छुपा है
बारीश की छम-छम में बसा है
कोयल की कू-कू में होता है 
घंटी की टन-टन में बजता है
चाहे हो किसी को भी मनाना

या हो किसी से प्यार जताना

संगीत ही तो काम है आये

संगीत सुना दो ,बात बन जाए

जब माँ बच्चे को लोरी सुनाये

बच्चा तो झट से सो जाये

जब गम कोई तुमको तड़पाये

सुनके गीत दिल हल्का हो जाए

कहीं -कहीं तो संगीत ही

मर्ज़ को भी देता है हटाये

वाह क्या बात  है संगीत में

रोता हुआ भी लगता झूमने

जिसपर इसका जादू चल जाये

जीवन उसका खुशमय बन जाये
 
(अर्चना)
















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