भजन " हो शेरा वाली "

 

हो शेरा वाली

 
हो शेरा वाली, हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली
हो शेरा वाली, हो  मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली

वो  झोलियाँ भरती है , हो मेरी शेरा वाली 
वो  दुखड़े सुनती है ,हो मेरी शेरा वाली 
एक बार तो तू भी आना ,किस्मत अपनी अजमाना
तू पायेगा आकर के यहाँ तेरी भी बिगड़ी बन जानी

हो शेरा वाली, हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली
हो शेरा वाली, हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली

जो माँ को चुनरी चढ़ाता है, हाँ चढ़ाता है 
जीवन रौशन उसका हो जाता है, हाँ हो जाता है
जो जयकारा तेज मैया लगाता है, हाँ लगाता है
सब कष्टों से तो वो तर जाता है, हाँ तर जाता है
एक बार तो तू भी आना, किस्मत अपनी अजमाना 
पायेगा तू तेरे अँगना में फैली होगी खुशहाली

हो शेरा वाली ,हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली
हो शेरा वाली, हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली

विश्वास से जो कोई  यहाँ आता है, हाँ  आता है
मैया के मन वो ही भाता है हाँ भाता है
दरबार में जो भी छत्र चढ़ाता है, हाँ चढ़ाता है
तन- मन निर्मल उसका ,हो जाता है, हाँ हो जाता है
एक बार तो तू भी आना ,किस्मत अपनी अजमाना 
पायेगा तू न आयेगी दुख की एक रात भी काली 

हो शेरा वाली ,हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली ,हो लाटा वाली
हो शेरा वाली, हो मेहरा वाली,हो ज्योता वाली, हो लाटा वाली
 
अर्चना



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