कविता " समय "

समय


समय तो होता है बलवान
रखना सदा बात यह ध्यान
कभी फकीर को राजा बनाए
कभी धनवान को सबक सिखाए
तरह-तरह के खेल दिखाए
कठपुतली यह सब ही को बनाए
जो दौलत से अकड़ा जाए
सबसे पहले उसे टिकाए
रंग- रूप पे जो इतराए
एक ना एक दिन वह छिन जाए
जो निर्बल पर हाथ उठाए
वक्त की मार से न बच पाये
बहुत है ज्ञानी ऊपर वाला



 समझाने को यह दिन- रात  बनाए

अर्चना

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