जिसका मुझे था इंतज़ार ,वो शुभ दिन आया है

 

जिसका मुझे था इंतज़ार ,वो शुभ दिन आया है 

मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है 

जिसका मुझे था इंतज़ार ,वो शुभ दिन आया है 

मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है 

अब नहीं रकते पाँव  ज़मीन पे 

अब नहीं रकते पाँव  ज़मीन पे 

नैना टिके  हैं सिर्फ़ उन्ही पे 

नैना टिके हैं सिर्फ़ उन्ही पे 

अब  हुआ मेरा  उद्धार,वो शुभ दिन आया है 

मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है 

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चुन -चुन पुष्प  मैंने माला बनाई 

चुन -चुन पुष्प  मैंने माला बनाई 

दीपक से राहें भी सजाईं 

दीपक से राहें भी सजाईं 

आज पाई अनोखी  सौग़ात वो शुभ दिन आया है 

मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है 

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आज अवध में बजे शहनाई 

आज अवध में बजे शहनाई 

होके दीवाने नाचे लोग लुगाई 

होके दीवाने नाचे लोग लुगाई 

खुश हैं धरती आकाश वो शुभ दिन आया है 

मुझे चौदह बरस के बाद प्रभु से मिलवाया है 










अपनी छब बनाई के ,

 

अपनी छब बनाई के ,जो मैं पी के पास गयी 

जब छब देखी पिहु की 

जब छब देखी पिहु की 

खुद अपनी भूल गयी 

 अपनी छब बनाई के जो मैं पी के पास  गयी 


वो ही तन में,वो ही मन में , वो ही हैं दिल की धड़कन में 

वो ही तन में,वो ही मन में , वो ही हैं दिल की धड़कन में 

जब उनको ना देखूँ तो लगता है जीना भी मरने 

उनको मैं बतलाऊँ कैसे ,उनको मैं बतलाऊँ कैसे 

वो हैं दीया मैं बाती 

।।।।।।।।।

वो ही चूड़ी वो ही पायल ,वो ही हैं आँखों का काजल 

वो ही चूड़ी वो ही पायल ,वो ही हैं आँखों का काजल 

उन से ही शृंगार सभी और वो ही करें नैनों से घायल 

उनको में बतलाऊँ कैसे , उनको में बतलाऊँ कैसे 

वो हैं  बादल मैं बिज़ूरी 

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वो ही साथी वो ही हमदम ,वो ही हैं होठों की सरगम 

वो ही साथी वो ही हमदम ,वो ही हैं होठों की सरगम 

जब मैं कोई दर्द छुपाऊँ ,उनकी नज़रें पढ़ लें एकदम 

उनको मैं बतलाऊँ कैसे , उनको मैं बतलाऊँ कैसे 

वो हैं फूल मैं तितली 

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दिवाली २


चलो घर को सजाएँ , पुष्प राह में बिछाएँ 

सुंदर दियों से आँगन चमकाएँ 

आओ गाएँ मंगल गान 

 आने वाले हैं श्री राम ,आने वाले हैं श्री राम ,

हो  ,आने वाले हैं श्री राम ,हो आने वाले हैं श्री राम ,


जिसने पुत्र का धर्म निभाया, मर्यादा का को समझाया 

खाके झूठे फल शबरी के ,खाके झूठे फल शबरी के 

प्रेम का पाठ पढ़ाया 

सुनो ऐसे ही हैं श्री राम ,मेरा इनको प्रणाम 

सुनो ऐसे ही हैं श्री राम ,मेरा इनको प्रणाम 


जिसने पति का धर्म निभाया,सीता को रावण से छुड़ाया 

करके वध उस पापी का जिसने ,करके वध उस पापी का जिसने

राम राज्य वापस लाया 

वापस आए हैं श्री राम , शुभ दिन लाए हैं श्री राम 

वापस आए हैं श्री राम , शुभ दिन लाए हैं श्री राम 


तुम भी रट लो एक ही नाम राजा राम राम राम 

फिर ना बिगड़ेगा को कोई काम काम काम 


राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 







गजानन प्यारे । गणेश जी का नया भजन

गजानन प्यारे । गणेश जी का  नया भजन 



आओ गजानन ,आओ गजानन ,आओ गजानन 
आओ गजानन ,आओ गजानन ,आओ गजानन 

आओ मेरे घर में पधारो गजानन प्यारे 
आओ मेरे घर में पधारो, गजानन प्यारे 
तुमको आने में देर लगी ,हम राह निहारे 
तुमको आने में देर लगी ,हम राह निहारे 
गजानन प्यारे,गजानन प्यारे 
गोरा शिव के दुलारे ,गोरा शिव के दुलारे 
आओ मेरे घर में पधारो गजानन प्यारे 
आओ मेरे घर में पधारो गजानन प्यारे 

मैंने रंगोली से है , घर को सजाया 
और फूलो से सारा महकाया 
चोखट पे बांधे वंदनवार ,गजानन प्यारे 
चोखट पे बांधे वंदनवार ,गजानन प्यारे
आओ मूषक हो के सवार ,गजानन प्यारे 
आओ मूषक हो कर सवार ,गजानन प्यारे 

मैंने तुम्हारे लिए भोग बनाया 
मेवा और फल को मँगवाया  
 मोदक भी हैं भर थाल ,गजानन प्यारे
 मोदक भी हैं भर थाल ,गजानन प्यारे
आओ प्रेम से करो स्वीकार , गजानन प्यारे 
आओ प्रेम से करो स्वीकार , गजानन प्यारे 

मैंने तो सब सखियों को बुलाया 
ढोल मंजीरे और शंख बजाया 
अब हम नाचेंगे सारी रात  ,गजानन प्यारे 
अब हम नाचेंगे सारी रात  ,गजानन प्यारे 
आओ दे दो करुणा  का दान ,गजानन प्यारे 
आओ दे दो करुणा  का दान ,गजानन प्यारे 



 






मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन

मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन 





ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा 

नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता

आजा जल्दी से तू अब ना और सता 


चाहे यमुना तीर बुला ले ,चाहे कुंज ग़लिन में आ रे 

मैं तो भागी आऊँगी चाहे ताने ये जग मारे 

अब लगन लगा ली है तुमसे,अब लगन लगा ली है तुमसे

 कोई मुझको रोके ना 


चाहे दिन चढ़ते ही बुला ले ,चाहे अंधियारे में आ रे 

मैं तो उड़ती आऊँगी बनकर चंचल चिड़िया रे 

अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे

कुछ मुझको सूझे ना 


चाहे गैया संग तू आ रे ,चाहे गवाले संग हो सारे 

मैं तो मिलने आऊँगी छम छम पायल को बजा के 

अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे

फिर काहे की चिंता 


ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा 

नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता

आजा जल्दी से तू अब ना और सता 







तेरे आँचल की छाया में

 तेरे आँचल की छाया में 

 बीता हर पल सुकून से 

 तेरी मिट्टी की ख़ुशबू से 

 जीवन कितना खूब लगे 

मैं ख़ुशक़िस्मत जन्मा यहाँ पे ,मैं ख़ुशक़िस्मत जन्मा यहाँ पे 

अब तो है मेरा सपना यही ,अब तो है मेरा सपना यही 

तुझको मैं देखूँ हर रोज़ बढ़ते ,तुझको में देखूँ  सजते - संवरते 

सजते - संवरते ।

मेरा ये यौवन मेरी ये काया 

चित्त भी मेरा और मेरा साया 

तुझ से जुड़ा है तुझ से बना है 

मेरी तो नस- नस में तू रमा है 

कभी भूलूँ ना तुझको कभी छोड़ूँ ना तुझको 

चाहे जो भी हो जाए ये गगन गिर भी जाए 

मेरी बाहों से तुझ को कोई छुड़ाने ना पाए  

मेरी बाहों से तुझ को कोई छुड़ाने ना पाए  

हाँ  छुड़ाने ना पाए  ।

आशा के दीपक में यू ही जलाऊँ 

तेरे माथे पर हर साल मैं चंदन लगाऊँ 

तेरी शान की ख़ातिर ,ऐ देश मेरे 

तेरी शान की ख़ातिर ,ऐ देश मेरे ,ऐ देश मेरे 

मैं सौ जन्मों तक अपने प्राण गवाऊँ 

अपने प्राण गवाऊँ 

अपने प्राण गवाऊँ ।












इश्क़ पर शायरी "चाहे मीलों का है फ़ासला "


https://pixabay.com/photos/butterflies-flowers-pollinate-1127666/


"चाहें  मीलों  का है  फ़ासला 

                        पर दिल तो तुझ पर आ चुका 

चाहें  मिल ना पाएँ हम तुम से 

                       पर क़ायम रहेगी तेरे संग ये वफ़ा "


"तेरी यादों के सहारे बीत जाएगी ज़िंदगी 

तू याद रखना बस मुझको और मेरी सादगी 

मैं भी ना भूलूँगी तुझको और ना तेरी दीवानगी 

 कुछ मुलाक़ातों की सही पर क्या खूब थी अपनी दोस्ती "


"तेरा जीवन में आना 

जैसे शाम को चमकाना  

टूटे मन को फिर जोड़ 

मेरा अब हर पल मुस्कुराना 

ऐ  ख़ुदा तेरा शुकराना 

ऐ ख़ुदा तेरा शुकराना "


"नसीब मेरा तेरे संग जुड़ गया 

तू राह में यूँ ही मिल गया 

सोचा ना था कोई तुझ सा मिलेगा 

जो कर देगा मोहब्बत एक पल में बयां "


"आरज़ू दिल की, कि तू  इतना क़रीब आए 

एक चाँद आसमाँ में दूजा बाहों में ठहर जाए "  




 



कुछ बाबाजी

 "कुछ बाबाजी"




भोले - भाले लोगों को 
कुछ बाबाजी रोज हैं ठगते
साइन्स के कुछ प्रयोग  दिखाके
खुद को भगवान बताया करते

पर अंदर से ये बहुत मेले 
अत्याचार महिलाओं पर करते 
बाहर से दिखावे के लिए बस
ब्रह्मचर्य का पालन करते 

जितना धन ना उद्योगपतियों  पर
खजाने इनके पास में मिलते
आश्रमों में इनके ही तो 
लाठी ,तमंचे और बंदूक मिलते

ऐसे लोग ही तो औरतों को 
पुत्र प्राप्ति की दवाएं देते
पुरुषों में होते ये गुणसूत्र 
 अनपढ़ , गंवार यह कहाँ समझते

पहन कर के केसरिया चोला 
नित्य रूप नये -नये हैं धरते 
बगल में तो होता है चाकू
 होंठों से राम - राम जपा करते 

भूत-प्रेत के अस्तित्व को
ये ही हैं बढ़ावा देते
खुद जीते पांच सितारा सी  जिंदगी
जनता से सैकडों नेम- व्रत करवाते

ऐसे पाखंडी लोगों के 
ना बहकावे में कभी भी आना
वर्ना तो तन , मन और धन से
होगा इनके ही आधीन हो जाना

किस तरफ़ चला इंसान

 


किस तरफ़ चला इंसान,ये किस तरफ़ चला इंसान

बना रहा शमशान हाँ हर जगह बना रहा रहा शमशान 

 थोड़ा वर्चस्व बनाने को थोड़ा अपनी सत्ता बढ़ाने को 

ले रहा है जान मासूमों की ले रहा है जान ,

दिखाता है शान इस में भी दिखाता है शान 

देखो सोचो और सुनो ,मासूमों को मार कर तुम ना कोई प्रगति कर पाओगे 

तुम भी तो एक ना एक दिन अपने दुश्मनों की हैवानियत के शिकार हो जाओगे 

इस  हवा में जो जमकर ज़हर घोल रहे क्या तुम कहीं और साँस लेने जाओगे 

क्या फ़ायदा हुआ तुम्हारी ऊँची ऊँची डिग्रियाँ पाने का 

जब तुमने दिल से दिल जोड़ना सीखा नहीं 

क्या फ़ायदा हुआ तुम्हारा इतनी शक्ति अर्जित करने का  

जब अपने अंदर की इंसानियत को ही तुमने ठोकर मार दी  

इंसान हो अगर तो अमन शांति फेलाओ 

इंसान हो अगर तो आपस में प्रेम बढ़ाओ 

इंसान हो अगर तो सबका दिल जीत के दिखाओ