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गजानन प्यारे । गणेश जी का नया भजन
मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन
मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा । कृष्णा भजन
ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा
नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता
आजा जल्दी से तू अब ना और सता
चाहे यमुना तीर बुला ले ,चाहे कुंज ग़लिन में आ रे
मैं तो भागी आऊँगी चाहे ताने ये जग मारे
अब लगन लगा ली है तुमसे,अब लगन लगा ली है तुमसे
कोई मुझको रोके ना
चाहे दिन चढ़ते ही बुला ले ,चाहे अंधियारे में आ रे
मैं तो उड़ती आऊँगी बनकर चंचल चिड़िया रे
अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे
कुछ मुझको सूझे ना
चाहे गैया संग तू आ रे ,चाहे गवाले संग हो सारे
मैं तो मिलने आऊँगी छम छम पायल को बजा के
अब लगन लगा ली है तुमसे , अब लगन लगा ली है तुमसे
फिर काहे की चिंता
ओ मेरे कान्हा ,जल्दी से आजा ,तेरी राह तके है राधा
नैना हुए बावरे तेरे दर्श बिना ,आजा जल्दी से तू अब ना और सता
आजा जल्दी से तू अब ना और सता
तेरे आँचल की छाया में
तेरे आँचल की छाया में
बीता हर पल सुकून से
तेरी मिट्टी की ख़ुशबू से
जीवन कितना खूब लगे
मैं ख़ुशक़िस्मत जन्मा यहाँ पे ,मैं ख़ुशक़िस्मत जन्मा यहाँ पे
अब तो है मेरा सपना यही ,अब तो है मेरा सपना यही
तुझको मैं देखूँ हर रोज़ बढ़ते ,तुझको में देखूँ सजते - संवरते
सजते - संवरते ।
मेरा ये यौवन मेरी ये काया
चित्त भी मेरा और मेरा साया
तुझ से जुड़ा है तुझ से बना है
मेरी तो नस- नस में तू रमा है
कभी भूलूँ ना तुझको कभी छोड़ूँ ना तुझको
चाहे जो भी हो जाए ये गगन गिर भी जाए
मेरी बाहों से तुझ को कोई छुड़ाने ना पाए
मेरी बाहों से तुझ को कोई छुड़ाने ना पाए
हाँ छुड़ाने ना पाए ।
आशा के दीपक में यू ही जलाऊँ
तेरे माथे पर हर साल मैं चंदन लगाऊँ
तेरी शान की ख़ातिर ,ऐ देश मेरे
तेरी शान की ख़ातिर ,ऐ देश मेरे ,ऐ देश मेरे
मैं सौ जन्मों तक अपने प्राण गवाऊँ
अपने प्राण गवाऊँ
अपने प्राण गवाऊँ ।
इश्क़ पर शायरी "चाहे मीलों का है फ़ासला "
"चाहें मीलों का है फ़ासला
पर दिल तो तुझ पर आ चुका
चाहें मिल ना पाएँ हम तुम से
पर क़ायम रहेगी तेरे संग ये वफ़ा "
"तेरी यादों के सहारे बीत जाएगी ज़िंदगी
तू याद रखना बस मुझको और मेरी सादगी
मैं भी ना भूलूँगी तुझको और ना तेरी दीवानगी
कुछ मुलाक़ातों की सही पर क्या खूब थी अपनी दोस्ती "
"तेरा जीवन में आना
जैसे शाम को चमकाना
टूटे मन को फिर जोड़
मेरा अब हर पल मुस्कुराना
ऐ ख़ुदा तेरा शुकराना
ऐ ख़ुदा तेरा शुकराना "
"नसीब मेरा तेरे संग जुड़ गया
तू राह में यूँ ही मिल गया
सोचा ना था कोई तुझ सा मिलेगा
जो कर देगा मोहब्बत एक पल में बयां "
"आरज़ू दिल की, कि तू इतना क़रीब आए
एक चाँद आसमाँ में दूजा बाहों में ठहर जाए "
कुछ बाबाजी
"कुछ बाबाजी"
किस तरफ़ चला इंसान
किस तरफ़ चला इंसान,ये किस तरफ़ चला इंसान
बना रहा शमशान हाँ हर जगह बना रहा रहा शमशान
थोड़ा वर्चस्व बनाने को थोड़ा अपनी सत्ता बढ़ाने को
ले रहा है जान मासूमों की ले रहा है जान ,
दिखाता है शान इस में भी दिखाता है शान
देखो सोचो और सुनो ,मासूमों को मार कर तुम ना कोई प्रगति कर पाओगे
तुम भी तो एक ना एक दिन अपने दुश्मनों की हैवानियत के शिकार हो जाओगे
इस हवा में जो जमकर ज़हर घोल रहे क्या तुम कहीं और साँस लेने जाओगे
क्या फ़ायदा हुआ तुम्हारी ऊँची ऊँची डिग्रियाँ पाने का
जब तुमने दिल से दिल जोड़ना सीखा नहीं
क्या फ़ायदा हुआ तुम्हारा इतनी शक्ति अर्जित करने का
जब अपने अंदर की इंसानियत को ही तुमने ठोकर मार दी
इंसान हो अगर तो अमन शांति फेलाओ
इंसान हो अगर तो आपस में प्रेम बढ़ाओ
इंसान हो अगर तो सबका दिल जीत के दिखाओ