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यह ब्लॉग नई और रोचक हिन्दी भाषा की कविताओं ,भजनों,गीतों इत्यादि से सुसज्जित है|सभी कृतियां मेरे द्वारा लिखित हैं और इनका कहीं भी प्रकाशन अवैध है | कुछ चित्रों को गूगल इमेजेस से लिया गया है | लेखिका : अर्चना
बम बम भोले ३
हे भोले तू कितना सुंदर लागे
हे भोले तू कितना सुंदर लागे,हे सब के मन को भावे
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब है तू मुसकाए
तेरी आभा अलग ही छाए
कितनों को है हर्शाए
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब है तू शर्माए
तेरे नैना बंद हो जाए
लागे बालक जैसा हाए
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब तू नृत्य दिखाए
तीनों लोकों पे छाए
नर नारी दौड़े आएँ
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
मैं रामा मैं कृष्णा, मैं कल्कि बनूँगा
🔱🔱🔱
मैं रामा मैं कृष्णा, मैं कल्कि बनूँगा
मैं रामा मैं कृष्णा
मैं कल्कि बनूँगा
चाहे जो हो जाए
पर लड़ता रहूँगा
युग बदला पर लोग नहीं
नए मुखौटे कर्म वही
मासूमों को करे प्रताड़ित
बना- बना के चाल नई
इनके एक- एक करतूतों की
मैं अब जल्दी खबर लूँगा
खबर लूँगा, खबर लूँगा
मैं रामा मैं कृष्णा ॰॰॰॰॰॰॰पर लड़ता रहूँगा
ऐसी कोई शक्ति नहीं
जो सच के आगे टिके कभी
अंधियारे के भक्तों सुन लो
अब कर लो तुम जप कोई
जैसी करनी वैसी भरनी
अब सजा मिलेगी बहुत बुरी
हाँ बहुत बुरी , हाँ बहुत बुरी
मैं रामा मैं कृष्णा
मैं कल्कि बनूँगा
चाहे जो हो जाए
पर लड़ता रहूँगा
पर लड़ता रहूँगा
पर लड़ता रहूँगा