मौत पर कविता

मौत पर कविता


मौत पर कविता : 

दोस्तों मौत  वो दुखद घटना है जो कि कभी भी, कहीं भी ,किसी को भी  मिल सकती है | पता नहीं के मौत के 
बाद कैसा अनुभव होता है फिर भी इस मौत  से सब ही डरते हैं | यह अमीर- गरीब कुछ भी नहीं समझती 
है इसका जब मन करता है अचानक से चली आती है |  मौत पर कविता ही  हमारी आज की पोस्ट का शीर्षक है |



मौत है ऐसी दुखद घटना 
ना जाने ये कब आ जाए
इसके डर से तो सब जाने 
अच्छों- अच्छों की शामत आए

करे ना  इसकी कोई कल्पना
फिर भी होता इससे मिलना
जिसको होता यकीन जीवन पर
उसको ही यह चाहती छलना

आती है यह रूप बदलकर 
कभी होले से कभी डरा कर 
वख्त कभी भी यह ना देखे
इसकी मनमानी से मुश्किल बचना

ना जाने ये कहाँ ले जाए
अपनों से ये दूर कराये
बहुत बुरी यह लगती हमको 
फिर भी चेन की नींद सुलाये

कड़वा सच सबके जीवन का
एक दिन होता इसको आना
क्योंकि  नए जनम का प्रारम्भ 
मौत के बाद ही लिखा है होना 


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