किस तरफ़ चला इंसान

 


किस तरफ़ चला इंसान,ये किस तरफ़ चला इंसान

बना रहा शमशान हाँ हर जगह बना रहा रहा शमशान 

 थोड़ा वर्चस्व बनाने को थोड़ा अपनी सत्ता बढ़ाने को 

ले रहा है जान मासूमों की ले रहा है जान ,

दिखाता है शान इस में भी दिखाता है शान 

देखो सोचो और सुनो ,मासूमों को मार कर तुम ना कोई प्रगति कर पाओगे 

तुम भी तो एक ना एक दिन अपने दुश्मनों की हैवानियत के शिकार हो जाओगे 

इस  हवा में जो जमकर ज़हर घोल रहे क्या तुम कहीं और साँस लेने जाओगे 

क्या फ़ायदा हुआ तुम्हारी ऊँची ऊँची डिग्रियाँ पाने का 

जब तुमने दिल से दिल जोड़ना सीखा नहीं 

क्या फ़ायदा हुआ तुम्हारा इतनी शक्ति अर्जित करने का  

जब अपने अंदर की इंसानियत को ही तुमने ठोकर मार दी  

इंसान हो अगर तो अमन शांति फेलाओ 

इंसान हो अगर तो आपस में प्रेम बढ़ाओ 

इंसान हो अगर तो सबका दिल जीत के दिखाओ 









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