इश्क़ पर शायरी "चाहे मीलों का है फ़ासला "


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"चाहें  मीलों  का है  फ़ासला 

                        पर दिल तो तुझ पर आ चुका 

चाहें  मिल ना पाएँ हम तुम से 

                       पर क़ायम रहेगी तेरे संग ये वफ़ा "


"तेरी यादों के सहारे बीत जाएगी ज़िंदगी 

तू याद रखना बस मुझको और मेरी सादगी 

मैं भी ना भूलूँगी तुझको और ना तेरी दीवानगी 

 कुछ मुलाक़ातों की सही पर क्या खूब थी अपनी दोस्ती "


"तेरा जीवन में आना 

जैसे शाम को चमकाना  

टूटे मन को फिर जोड़ 

मेरा अब हर पल मुस्कुराना 

ऐ  ख़ुदा तेरा शुकराना 

ऐ ख़ुदा तेरा शुकराना "


"नसीब मेरा तेरे संग जुड़ गया 

तू राह में यूँ ही मिल गया 

सोचा ना था कोई तुझ सा मिलेगा 

जो कर देगा मोहब्बत एक पल में बयां "


"आरज़ू दिल की, कि तू  इतना क़रीब आए 

एक चाँद आसमाँ में दूजा बाहों में ठहर जाए "  




 



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