कविता"एक प्यारा जहाँ"




एक प्यारा जहाँ

तुम्हे लेके चलूँ मै , एक प्यारे जहाँ में
 जहाँ तितली हों उड़ती, और भँवरे मंडराते

एक ऐसी हो नगरी, जहाँ बहती हवा हो
 बलखाती हो नदिया , धुन झरने सुनाएं
जहाँ तारों की छाया , हो सर पे हमारे
और मिट्टी की खुशबू , बड़ी सौंधी सी आये


तुम्हे लेके चलूँ मै , एक प्यारे जहाँ में |
जहाँ तितली हों उड़ती, और भँवरे मंडराते


जहाँ फूलों की चादर हो फैली सुहानी
और  कोयल  के गीतों से, गूंजे दिशायें
जहाँ बारिश की छम – छम में, नाचे मयूरा
और सूरज की किरणें , जग  रौशन कर जायें


तुम्हे लेके चलूँ मै , एक प्यारे जहाँ में |
जहाँ तितली हों उड़ती, और भँवरे मंडराते |

अर्चना








































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