कविता"शिक्षा"

शिक्षा

आओ मेरे मित्रोँ आओ
शिक्षा की ज्योति को जगाओ
पढ़े पढाएं ज्ञान बढाएं
सारे मिलकर देश बनायें
घर-घर में सन्देश फैलायें
एक भी न वंचित रह जाए
बच्चे-बूढ़े युवा भी आयें
उम्र का दायरा रोक न पाये
अज्ञानता के इस तिमिर को
बस किरण ज्ञान की दूर भगाये
अगर चाहते हो भविष्य बन जाए
तो शिक्षा से हम प्रेम बढाएं 

अर्चना

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