भजन " महिमा माँ की "


महिमा माँ की 


"यह भजन माँ की असीम विशेषताओं को प्रकट करता है"



महिमा माँ की महिमा,महिमा माँ की महिमा

महिमा माँ की अपरमपार

महिमा माँ की अपरमपार
ऊँचा है सबसे ऊँचा है माँ का दरबार
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा


माँ के द्वारे पे जो भी भक्त आये
खाली हाथ वो तो वापस न जाये
रोता हुआ आये और हँसता हुआ जाये
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा

नेत्रहीन जो माँ के द्वारे पे आ गया 
मैया ने उसको नैनों का वर दिया
रौशन हुआ देखो उसका जग सारा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा

दीन-हीन जो माँ के द्वारे पे आ गया
मैया  ने उसको सुख का वर दे दिया
मंगलमय हो गया उसका जीवन सारा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा

निसंतान जो माँ के द्वारे पे आ गया 
गोदी में उसके माँ ने बालक दिया
किलकारी से गूँजा उसका अंगनारा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा


महिमा माँ की अपरमपार
महिमा माँ की अपरमपार
ऊँचा है सबसे ऊँचा है माँ का दरबार
महिमा माँ की महिमा, महिमा माँ की महिमा
 
अर्चना








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें