कविता "बता ऐ यार "

 

 

"इस कविता में एक प्रेमी अपने प्रेम को साबित करने के लिए तरह तरह के काम करने को कह रहा है"

 

 

 

 

पलकों पे बिठाऊँ या तुझे दिल में सजाऊँ

बता ऐ यार 

कैसे तुझसे मैं 

प्रेम जताऊँ

सीने से लगाऊँ या आँखों में छुपाऊँ

बता ऐ यार 

कैसे तुझे दुनिया

से बचाऊँ

हथेली को तेरी राहों में बिछाऊँ या गुलशन को तेरी जुल्फों में सजाऊँ

बता ऐ यार 

कैसे मैं तेरे नखरों को उठाऊँ

चाहत के लिए चाँद-तारे ले आऊं या चौखट पे तेरी ता उम्र् बिताऊँ

बता ऐ यार 

कैसे में अपनी दीवानगी को समझाऊँ

 
 
 

अर्चना

 

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