भाई के लिए एक प्यारी कविता | छोटा सा है मेरा भाई
छोटा सा है मेरा भाई
बातें लेकिन बड़ी बनाये
तुतला के ऐसे है बोले
आधों के समझ न आयें
मटक-मटक के नाच दिखाता
सारे घर का दिल बहलाता
रीदी-रीदी कह कर मुझसे
मेरे पीछे भागा आता
जब भी कोई त्योहार आता
वो तो बहुत खुश हो जाता
नये- नये कपड़े पहनकर
बहुत सी फोटो खिंचवाता
लड़ता भी है जी भर मुझसे
पर दो पल में मान भी जाता
जब ना होता घर के अंदर
वीराना सा घर हो जाता
मेरे प्यारे भैया तुझे
कोई गम ना कभी सताये
भगवान करे के किस्मत तेरी
सूरज से भी ज्यादा चमक जाए
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तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
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