दिल पर कविताएं
दोस्तों ये जो दिल है ना ,कहते हैं बड़ा ही पागल होता है|ये जानकार भी कि अगर आपने किसी से दिल लगाया तो आपको बहुत सारी परेशानियां हो सकती हैं मगर ये कहाँ मानता है | दिल की कुछ नादानी और बचकानी हरकतों को बयान करती यह दो कवितायें पढ़िये| |
जब दो दिल मिल गए
जब दो दिल मिल गए
कुछ ख़्वाब ऐसे बुन गए
अब हसरतें जगने लगीं
और दर्द पुराने गुम गए
हर तरह कलियाँ खिलीं
हवाएँ रेशम लगने लगीं
हर जर्रे में महबूब ही दिखे
अब खुद पे जोर न चले
कभी बात-बात पे हँसें
हर आहट पे ये दिल रुके
अब तेरे दिल की धड़कनें
मेरे दिल में लगी हैं गूंजने
जो तुझसे दिल का रिश्ता है
उसे नाम मैं ना दे सकूँ
बस दूर से यही चाहता
तुझे पास महसूस कर सकूँ
पता मुझे यह अच्छे से
मिलन नहीं होना ये कभी
क्यूंकि तू बंधा हुआ है
दुनिया की रस्मों,रिवाजों से
बस तेरी तस्वीर के आगे
मैं रोज इनायत करता हूँ
तू ही सबकुछ है लेकिन
तेरे सामने पराया बनता हूँ
दिल का रिश्ता
जो तुझसे दिल का रिश्ता हैउसे नाम मैं ना दे सकूँ
बस दूर से यही चाहता
तुझे पास महसूस कर सकूँ
पता मुझे यह अच्छे से
मिलन नहीं होना ये कभी
क्यूंकि तू बंधा हुआ है
दुनिया की रस्मों,रिवाजों से
बस तेरी तस्वीर के आगे
मैं रोज इनायत करता हूँ
तू ही सबकुछ है लेकिन
तेरे सामने पराया बनता हूँ
दिल की और सुनने का मन करे तो यह
गीत भी पढ़ सकते हैं :- "जब दिल दीवाना होता है "
वाह, सुंदर रचनाएँ....आदरणीय अर्चना जी।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया सिनहाजी |
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