भगवान राम पर कविता
भगवान राम पर कविता "राम तुम्हारे देश में क्यों "
राम तुम्हारे देश में क्यों
बढ़ गया इतना अपराध
फिर से आओ धरा पर तुम
कर दो सभी शत्रुओं का नाश
विद्द्या के मंदिर थे जो पहले
क्यों बन गए व्यापार की दुकान
इतना क्या कम था अब तो नित्य
छिन रहे बच्चों की मुस्कान और प्राण
कुछ मिनटों के भीतर ही कहीं
एक नारी शोषित होती है
और कई दरिंदों के हांथों से क्यों
मासूम बच्चियाँ कुचली जाती हैं
अपने बूढ़े माँ -बाप को क्यों
उनका ही कुलदीपक सताता है
और कहीं बेबस सास को
क्रूर बहू के द्वारा पीटा जाता है
क्यों जल रही लालच की अग्नि
में घर की ही थीं जो लक्ष्मियाँ
क्या इसी दिन को देखने खातिर
माँ-बाप करते पाल-पोस बेटी को बड़ा
मन में बहुत सारे सवाल उठे हैं
पापी अगिनत भरे पड़े हैं
पहले तो एक रावण ही था
अब तो कदम-कदम रावण खड़े हैं
ना करो तनिक तुम इंतजार
अब तो मचा है हाहाकार
आ जाओ लेकर फिर धनुष-बाण
कर दो इन पापियों का संघार
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वाह! बिलकुल सार्थक और समीचीन!!!
जवाब देंहटाएंआभार मोहनजी
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ... राम जी की माया अपरम्पार है वो कब कैसे आयेंगे वाही जानते हैं ... उनकी कृपा हो तो सब ठीक हो जाता है ...
जवाब देंहटाएंआभार दिगंबरजी |
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