हे भोले तू कितना सुंदर लागे,हे सब के मन को भावे
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब है तू मुसकाए
तेरी आभा अलग ही छाए
कितनों को है हर्शाए
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब है तू शर्माए
तेरे नैना बंद हो जाए
लागे बालक जैसा हाए
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब तू नृत्य दिखाए
तीनों लोकों पे छाए
नर नारी दौड़े आएँ
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें