कविता"यौवन"


यौवन


"प्रस्तुत कविता में मैंने यौवन के महत्व का उल्लेख किया है"


यौवन होता अतिमहत्वपूर्ण
ये जाए वापस न आये

जो इसमें सही राह चले है

कभी जीवन में वो हार न पाए

मार्गदर्शन बड़ों का होवे है
कदम- कदम सब साथ निभाएं
यदि अब सही साथ मिले 
तो पूरे जीवन आदर हैं पाए
बनती नींव है जीवन भर की 
स्वर्ण समय यही होता है भाई
इसी समय होती  है वो ऊर्जा
जो चाहें वो कर हैं पाए वर्ना 
तो फिर हाथ ही मलना कुछ
भी न फिर होवे पछताए
कुछ
भी न फिर होवे पछताए
(अर्चना)










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