शिव-भजन "हे नीलकंठ भोले भंडारी"


हे नीलकंठ भोले भंडारी


"इस भजन मैं एक भक्त अपने भगवान् से अपने कष्ट कह रही है"



मेरे महेश्वर ,मेरे कैलाशी 
मेरे शिव शंकर,हो मेरे शिव शंकर

हे नीलकंठ भोले भंडारी
मुझपर भी अब उपकार करो
मैं फँसी संसार की  माया में
मुझ अज्ञानी को दरस तो दो
मेरे भोले अब तुम दया करो 
आकर मुझको सही मार्ग कहो 
हाँ ,आकर मुझको सही मार्ग कहो
हाँ ,आकर मुझको सही मार्ग कहो
मेरे महेश्वर,मेरे कैलाशी ,
मेरे शिव शंकर,हो मेरे शिव शंकर

मैं भी मंदिर मैं आऊँगी 
तुम्हे भाँग- धतूरा चढ़ाऊँगी
दूध-दही से अभिषेक कराऊँगी
सुन लो अब और ना परीक्षा लो
मेरे भोले अब तुम दया करो 
आकर मुझको सही मार्ग कहो 
हाँ आकर मुझको सही मार्ग कहो
हाँ आकर मुझको सही मार्ग कहो

मेरे महेश्वर,मेरे कैलाशी 
मेरे शिव शंकर,हो मेरे शिव शंकर

मैं नंगे पैरों जाऊँगीं
गंगाजी से कांवर लाऊँगी
आकर के तुम्हे नेहलाऊँगी
मेरी आस को अब तो पूरा करो
मेरे भोले अब तुम दया करो 
आकर मुझको सही मार्ग कहो 
हाँ आकर मुझको सही मार्ग कहो
हाँ आकर मुझको सही मार्ग कहो

मेरे महेश्वर ,मेरे कैलाशी 
मेरे शिव शंकर,हो मेरे शिव शंकर

तुम तो हो नाथ अंतरयामी
 फिर कैसे ना मेरी पीड़ा जानी
इस धरती और गगन में प्रभु
सब मानते हैं जो तुम कह दो
मेरे भोले अब तुम दया करो 
आकर  मुझको सही मार्ग कहो 
हाँ आकर मुझको सही मार्ग कहो
हाँ आकर मुझको सही मार्ग कहो

मेरे महेश्वर ,मेरे कैलाशी 
मेरे शिव शंकर, हो मेरे शिव शंकर


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