कविता "विनती"



विनती


"इस कविता में भगवान से बच्चों की विनती है|"


भगवान हम अभी बच्चे हैं 

कर्म हमारे कुछ कच्चे हैं

तुम से हम विनती करते

 तुम दे दो हमे यह वरदान
हम रखें सभी का ही ध्यान
छोटों पर हम स्नेह बरसा दें
और बड़ों का  भी सम्मान करें
जो दुखी कोई भी दिखाई दे 
हम आँसू उसके पोंछ दें
(अर्चना)


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