शिव भजन "हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई"

हे उमापति हे कैलाशी हे भोले बाबा
मैं हूँ तेरी दासी
हे उमापति हे कैलाशी हे भोले बाबा
मैं हूँ तेरी दासी
हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई , हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई
अब मुझको सब दुनिया है लगने लगी पराई, अब मुझको सब दुनिया है लगने लगी पराई
भोले तुमने मन में भक्ति की कैसी अलख जगाई , भोले तुमने मन में भक्ति की कैसी अलख जगाई
भूल गयी हूँ मैं दुख सारे अब बस सुनती हूँ शहनाई
हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई , अब मुझको सब दुनिया है लगने लगी पराई
जैसे मुझको मार्ग दिखाया वैसे सब को बता दो , जैसे मुझको मार्ग दिखाया वैसे सब को बता दो
अज्ञानी है ये जग सारा तुम ज्ञान का दीप जला दो , अज्ञानी है ये जग सारा तुम ज्ञान का दीप जला दो
यदि चलने लगें सभी धरम के पथ , यदि चलने लगें सभी धरम के पथ
फिर तो नहीं कहीं भी कोई दुविधा देगी दिखाई
हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई , अब मुझको सब दुनिया है लगने लगी पराई
नीलकंठ तुम सब जीवों का सहारा , नीलकंठ तुम सब जीवों का सहारा
विष पीकर के संसार को तारा , विष पीकर के संसार को तारा
भक्तों पर यदि आन पड़े तो मेरा शंकर , भक्तों पर यदि आन पड़े तो मेरा शंकर
फिर करवाता सब दुश्मनों से त्राहि -त्राहि
हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई , हे डमरू वाले बाबा मे शरण तुम्हारी आई
अब मुझको सब दुनिया है लगने लगी पराई, अब मुझको सब दुनिया है लगने लगी पराई
भोले तुमने मन में भक्ति की कैसी अलख जगाई , भोले तुमने मन में भक्ति की कैसी अलख जगाई
भूल गयी हूँ मैं दुख सारे अब बस सुनती हूँ शहनाई

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