कविता "रंग बिरंगी रेल"


रंग बिरंगी रेल

"इस कविता में मैंने बच्चों के द्वारा बनाई गयी मेट्रो ट्रैन का वर्णन किया है|"

रंग बिरंगी रेल है आई
मिलकर बच्चों ने जो बनाई
कितने सुंदर ये डिब्बे हैं
इंजन अब नयी सीटी दे है

किसी डिब्बे का नाम है टिंकू
किसी बोगी का नाम है रिंकी
कोई डिब्बा तो बड़ा ही मोटा है
कोई लगे बहुत ही छोटा है

सब को मिलेंगी चोकलेट टॉफी
सफाई बहुत नज़र अब आती
चांहे देखो पिक्चर मन की
वाई-फाई की भी सुविधा है

अब तो नयी सदी है आई
मेट्रो ट्रेन है बच्चों ने बनाई
ये तो भई सबके मन भाई
सब दोस्तों ने है टिकट कटवाई
(अर्चना)





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