वर्षा ऋतु पर कविता "उजली-सी हर कली है दिखती"


वर्षा ऋतु पर कविता "उजली-सी हर कली है दिखती"



उजली-सी हर कली है दिखती
और धरती ने कर लिया श्रृंगार
वर्षा ने तो प्रसन्न कर दिया 
हर एक डाली हर एक पात 
खुशबू मिटटी की फैली है
एक-एक कण में आया निखार
क्या कोयल और क्या पपीहा
सुना रहे हैं मिलन का राग 
अब तो सब के पंख आ गये
थमते नहीं धरती पर पाँव
क्या इंसान और क्या पशु-पंछी
हर्षित हुए कर वर्षा में स्नान


धरती पर कविता पढ़ें
धरती माँ






कविता" हाँ तुमने सही कहा था माँ"




हाँ तुमने सही कहा था माँ
हाँ तुमने सच ही कहा था माँ

लेकिन मैं ही था नादान 
शायद मैं ही था अंजान
इस दुनिया के इंसानों से
मुखोटे पहने हुए हैवानो से

कि कुछ ऐसे गलत लोग 
तेरे जीवन में भी आयेंगे
फिर अपनी चिकनी-चुपड़ी
बातों से तुम्हे भ्रमित करवायेंगे


बस तुम रहना इनसे बहुत ही
सावधान देना सिर्फ अपनी पढाई
पर ध्यान वर्ना तो तुम खो
दोगे अपने अस्तित्व की पहचान

पर माँ मैंने तुम्हारी न एक सुनी
करता  रहा बस अपनी मर्जी झूठे
मित्रों पर किया विश्वास  फिर
तो वो ही सब हो गया जो 
स्वप्न में भी ना था मैंने सोचा

अब दूसरे मित्रों को देखता हूँ
तो बहुत मन में पछताता हूँ
कोई बन गया है डॉक्टर तो 
कोई बहुत बड़ा अफसर 

लेकिन मुझे ना कोई पथ मिला
मैं ही भटकुं बस इधर -उधर
अब तुम्हारी बातें याद आती है
मन में कई सवाल उठाती हैं

क्यों मैंने न कहा तेरा माना
क्यों बन के रह गया बेचारा
अब तो बस मैं सबसे ये कहूँ
ना ऐसे मित्रों पर विश्वास करो

जो आंधी की तरह आते है 
सब कुछ तबाह कर जाते है
तुम सब भी इतना याद रखो
 माँ की दी सीखों का ध्यान रखो



भगवान कृष्ण का भजन पढ़ें
"चल रे सखी हम ब्रज को जाएँ"






  










बालकविता "आओ बच्चों तुम्हे समझाऊँ "



आओ बच्चों तुम्हे समझाऊँ
एक बात पते की मैं बतलाऊँ
जीवन में कुछ हांसिल कर सको
उस रास्ते पर चलना सिखलाऊँ
घर से ही तुम यह शुरुवात करो
माता–पिता,बड़ों का सम्मान करो
गुरुओं को भी हमेशा करो नमन
और सत्य के मार्ग पर बढ़े चलो
नित्य सुबह तुम जल्दी से उठके
नहा–धोकर प्रभु से विनती करके
नियम से जो दोगे पढ़ने पर ध्यान
धीरे–धीरे मेधावी तुम बन जाओगे
खेल-कूद को भी समय से करना
और करना सभी महत्वपूर्ण व्यायाम
स्वस्थय शरीर ना जो होगा तुम्हारा
तो पूरे होंगे कैसे बाकी के काम
छोटी –छोटी और काम की बातें
सीखो बुजुर्गों से कुछ तुम जाके
मार्गदर्शन से सभी बड़े जनों के
एक बालक बन सकता है गुणवान