बालकविता "आओ बच्चों तुम्हे समझाऊँ "



आओ बच्चों तुम्हे समझाऊँ
एक बात पते की मैं बतलाऊँ
जीवन में कुछ हांसिल कर सको
उस रास्ते पर चलना सिखलाऊँ
घर से ही तुम यह शुरुवात करो
माता–पिता,बड़ों का सम्मान करो
गुरुओं को भी हमेशा करो नमन
और सत्य के मार्ग पर बढ़े चलो
नित्य सुबह तुम जल्दी से उठके
नहा–धोकर प्रभु से विनती करके
नियम से जो दोगे पढ़ने पर ध्यान
धीरे–धीरे मेधावी तुम बन जाओगे
खेल-कूद को भी समय से करना
और करना सभी महत्वपूर्ण व्यायाम
स्वस्थय शरीर ना जो होगा तुम्हारा
तो पूरे होंगे कैसे बाकी के काम
छोटी –छोटी और काम की बातें
सीखो बुजुर्गों से कुछ तुम जाके
मार्गदर्शन से सभी बड़े जनों के
एक बालक बन सकता है गुणवान  

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