कविता "दादी की कहानी"

दादी की कहानी


"इस कविता में एक बालक अपनी दादी से एक अनोखी कहानी सुनने का आग्रह कर रहा है|"



दादी सुनाओ एक कहानी
जिसमे हो एक सुंदर रानी
राजा भी आये घोड़े पर
सुनकर जिसे हो बड़ी हैरानी

परियाँ भी उतरें धरती पर
हाँथ में हो सुंदर सी छड़ी
जो मांगू मुझको दे दें वो
चाकलेट आइसक्रीम और कैंडी

जादुई नगरी में पहुँचाओ
तरह -तरह के पशु वहां हों
हांथी राजा के सर जहाँ
एक बंदर का सिर जुड़ा हो

तितली गाती हो जहाँ गाना
नाचे गधा होकर दीवाना
मैना रानी गिटार बजाये
देख के हम भी मस्त हो जाएँ

दादी सुनाओ एक कहानी
जिसमे हो एक सुंदर रानी
राजा भी आये घोड़े पर
सुनकर जिसे हो बड़ी हैरानी
(अर्चना)




कविता "दिवाली"


दिवाली


दीप जगे हैं घर सजे हैं
सबके चेहरे खिले लगे हैं
बच्चे आतिशबाजी करके

देखो कैसे नाच रहे हैं
खील-बताशे मिठाइयाँ
सब बड़े चाव से ही खा 
रहे हैं उपहार दे एक-दूजे
को खुशियाँ आपस में
बाँट रहे हैं और लौटे 
अयोध्या राम आज के
दिन इसलिये दीवाली 
उत्सव मना रहे हैं
अच्छाई पर बुराई की
जीत हुई इसलिये
अंधकार को मिटा रहे हैं






कविता "जन्मदिन मेरा"



जन्मदिन मेरा

"इस कविता के माध्यम से एक बच्चा अपने जन्मदिन की विभिन्न तैयारियां कर रहा है|"


पापा पापा पापा
घर जल्दी से आना
जन्मदिन मेरा 
आज केक लेते आना
साथ में लाना
टॉफी और चाकलेट्
दोस्त हैं बुलाये 
मैंने तो बहुत से
कोल्डड्रिंक को भी
भूल न जाना
वापस पड़ेगा 
वर्ना बाज़ार जाना
सजाने के लिए सुंदर
 झालर भी लाना
बहुत सारे गुब्बारों 
से घर भी है सजाना
गरमागरम समोसे
 खट्टी-मिट्ठी चटनियाँ
लेकर आना बर्थडे हैट
 और मोमबत्तियाँ
रिटर्न्स गिफ्ट्स को 
भी लेकर आना
वर्ना देंगे मुझे 
दोस्त बहुत ही ताना
सबसे ज़रूरी है जो 
उसे भूल न जाना
बर्थडे गिफ्ट है
मुझे मेरे दोस्तों 
को दिखाना
(अर्चना)