कविता "हमारी जिंदगी"




जैसे-जैसे हर दिन बढ़ती जाती है जिंदगी
कुछ नए अनुभव सिखा जाती है जिंदगी
कुछ को अपना और कुछ को पराया कर देती है जिंदगी
फिर भी कितनी हसीन लगती है हमको हमारी जिंदगी

वक़्त के साथ रंग भी बदलती है जिंदगी
बहुत अजीब हालातों से जूझती है जिंदगी
कभी थोड़ा सा पाती और बहुत कुछ खोती है जिंदगी
मगर हर हाल में भी नहीं हार मानती है हमारी जिंदगी

कभी एक अनसुलझी पहेली लगती है जिंदगी
कभी एक मीठा स्वप्न लगती है जिंदगी
कभी ख़ुशी में नाचती और कभी तनहा भटकती है जिंदगी
फिर भी हम सभी को जीनी होती है यह हमारी जिंदगी 





5 टिप्‍पणियां:

  1. ज़िन्दगी की हलचल समेटती और जिजीबिषा का मूल भाव स्थापित करती रचना प्रभावशाली है। बस थोड़े से ही शब्दों में गहन बिषय का सन्देश प्रक्षेपित कर देना ही काव्य -कला की विशिष्टता है। सुन्दर रचना के लिए बधाई और मंगलकामनाएं !

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  2. इसलिए ही इसे जिंदगी कहता हैं .... पल पल बदलती जिंदगी को बाखूबी लिखा है ....

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