होली गीत "वृंदावन की कुंज गलिन में "

होली गीत "वृंदावन की कुंज गलिन में "

होली गीत "वृंदावन की कुंज गलिन में "


वृंदावन की कुंज गलिन में 
कान्हा कैसे है हुरदंग मचाए
राधा को मारे पिचकारी भर 
गोपियन को गुलाल लगाए
आज तो ना छोड़ेगो किसी को 
चाहे सुबह से रात भी हे जाए
अपने रंग मेँ रंग लेगा सभी को ऐसे 
फिर और किसी को भी ना रंग चढ़ पाये 
वृंदावन की कुंज गलिन में 
कान्हा कैसे है हुरदंग मचाए
बलदाऊ और ग्वाल बाल संग
कान्हा घरन-घरन मेँ जाए 
किसी की दाड़ी लाल करत है ,
और किसी की साड़ी धानी कर जाए
आज कृष्ण की प्रीत को नशा चढ़ो है 
बिन घुंगरू हैं सब झूमे जाएँ 
देखो ये श्याम की महिमा आज 
सतरंगी प्रकृति का कण कण हे जाए 

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होली गीत "वृंदावन की कुंज गलिन में "










ठंड पर हास्यकविता "मिल गया ठंड का बहाना "

आज की हमारी पोस्ट है -ठंड पर हास्यकविता और इसका शीर्षक है "मिल गया ठंड का बहाना" ,जिसमें हम आपको हर घर की ठंड की कहानी से रूबरू कराएंगे और इसमें बच्चों द्वारा बनाने वाले बहानों को भी समझाएँगे|


ठंड


ठंड पर हास्यकविता 

मिल गया ठंड का बहाना 
आज फिर बच्चों को नहीं नहाना

वैसे तो नहीं जुराब पहनते  
दिन भर नंगे सिर भी घूमते 
पर आईस-क्रीम और पेस्ट्री के लिए 
सारा दिन ये रोया करते
फिर रात को कहना इनका
पापा जी ज़रा हीटर तो चलाना

मिल गया ठंड का बहाना
आज फिर बच्चों को नहीं नहाना

मिल गयी स्कूल से भी छुट्टियाँ
अब शरारत करने का वक़्त बढ़ा 
घर में ठंड से थर -थर हैं कांपें 
पर हिल-स्टेशन में मनानी हैं छुट्टियाँ 
होम वर्क जो मिला था ढेर सारा 
मम्मी-पापा को पूरा करवाना पड़ा
पूरे परिवार ने  छुट्टियों का मजा लिया 
यह सर्दी तो है बस बहाना

मिल गया ठंड का बहाना
आज फिर बच्चों को नहीं नहाना

ठंड


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प्रेरणादायी कविता "कभी हंस दो ऐसे भी तुम"

प्रेरणादायी कविता

प्रेरणादायी कविता - कभी हंस दो ऐसे भी तुम


मत ढूंढो सिर्फ बड़ी- बड़ी बजहें

तुम मुस्कुराने के लिए

कभी हंस दो ऐसे भी तुम

अपना दिल बहलाने के लिए    

मत सोचो कल क्या होना

बस जी लो इस लम्हे के लिए  

हर लम्हे में बहुत खुशी छुपी है 

ज़रा जी के देखो औरों के लिए

कुछ लोग जीवन में आते हैं

कुछ होते चले जाने के लिए

फिर भी जीवन एक हसीन सफर है

यहाँ हर एक ही मुसाफिर के लिए

उलझने तो आती-जाती हैं तुम्हें

कुछ सबक नए सिखलाने के लिए

जो इनका हँसकर करे सामना

वो इंसान होता प्रेरणा सबके लिए

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