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यह ब्लॉग नई और रोचक हिन्दी भाषा की कविताओं ,भजनों,गीतों इत्यादि से सुसज्जित है|सभी कृतियां मेरे द्वारा लिखित हैं और इनका कहीं भी प्रकाशन अवैध है | कुछ चित्रों को गूगल इमेजेस से लिया गया है | लेखिका : अर्चना
बम बम भोले ३
हे भोले तू कितना सुंदर लागे
हे भोले तू कितना सुंदर लागे,हे सब के मन को भावे
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब है तू मुसकाए
तेरी आभा अलग ही छाए
कितनों को है हर्शाए
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब है तू शर्माए
तेरे नैना बंद हो जाए
लागे बालक जैसा हाए
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले
हे भोले जब जब तू नृत्य दिखाए
तीनों लोकों पे छाए
नर नारी दौड़े आएँ
कही कोई मारे ना नज़रिया ,कही कोई मारे ना नज़रिया
तेरी ले लूँ बलैया आके
हो तेरी ले लूँ बलैया आके ,हे भोले