यह ब्लॉग नई और रोचक हिन्दी भाषा की कविताओं ,भजनों,गीतों इत्यादि से सुसज्जित है|सभी कृतियां मेरे द्वारा लिखित हैं और इनका कहीं भी प्रकाशन अवैध है | कुछ चित्रों को गूगल इमेजेस से लिया गया है | लेखिका : अर्चना
कविता" सेंटा आये सेंटा आये"
सेंटा आये सेंटा आये
"निम्नलिखित कविता के द्वारा मैंने सेंटा और बच्चों की खुशियों का चित्रण किया है"
सेंटा आये सेंटा आये
सेंटा आये सेंटा आये
कितने सारे तोहफे लाये
दिखते हैं हर दम मुस्काए
हांथों में घंटी भी बजाये
सेंटा आये सेंटा आये
लाल रंग की टोपी पहने
लाल रंग के कपड़े
बूट हैं उनके बड़े-बड़े
लम्बी दाढ़ी में जंचते
सेंटा से ज्यादा मोटा है
कमर पर लटका थैला
जिस भी गली में है जाते
लगता बच्चों का मेला
बच्चों में मच गयी खलबली
किसको कौन सा गिफ्ट मिले
लाये हैं मिठाई चोकलेट भी
खाली हाथ न कोई रहे
सेंटा ने बच्चों को समझाया
एक लाइन में उन्हें लगाया
बांटे सबको ही तोहफे
अब तो सब खुश हैं होते
कर गए फिर सब ही को टाटा
अपनी गाड़ी में बैठ गये
बोले अगले साल फिर आऊँगा
बच्चों से मिल कर के गले
सेंटा आये
सेंटा आये
कितने सारे तोहफे लाये
दिखते हैं हर दम मुस्काए
हांथों में घंटी भी बजाये
सेंटा आये सेंटा आये
(अर्चना)
कविता "क्रिसमस आया क्रिसमस आया "
क्रिसमस आया क्रिसमस आया
"इस कविता में मैंने क्रिसमस की रौनक का उल्लेख किया है|"
क्रिसमस आया क्रिसमस आया
साथ में ढेरों खुशियाँ लाया
हमने भी अपना घर है सजाया
और सुन्दर सा केक बनाया
कहीं सज रही झालरें
और जली हैं मोमबत्तियां
आने वाले हैं सेंटा
भर के थेले में बहुत से
उपहारों की खुशियाँ
बच्चों को तो होता बहुत दिनों से
इस दिन का ही इंतज़ार
आज मिलेंगे खिलौने-टोफियाँ
और सेंटा का बहुत सा दुलार
आज ही के दिन लिया था
प्रभु येशु ने जन्म
मंगल गान कर के सभी
लें इस दिन का आनंद
बांटे सबको प्यार हम
और न करें बुरा कर्म
हर धर्म देता सीख के
मिलके सदा ही चलें हम
(अर्चना)
(अर्चना)
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