कविता"आजादी को पाने को"
आजादी को पाने को
"निम्नलिखित कविता में देशभक्तों की बातें बताई गयी हैं"
आजादी को पाने को
कितने शहीदों ने लहू बहाया
तब जाकर के हम सबने
यह सुनहरा दिन है पाया
याद उन्हें रखें हम सब
हर एक दिन हर एक लम्हा
उनके कठिन प्रयासों से ही
आज हमारा संवर है पाया
देश के खातिर किया निछावर
अपनी जवानी और बुढ़ापा
जुर्म सहे अंग्रजों के और
जेलों में जीवन काटा
भूखा-रहकर प्यासा रहकर
अपनी क्रांति को था बढ़ाया
बसंती चोले से प्यार हुआ
जिसे रोक नहीं कोई पाया
अर्चना
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