कविता " हम कर्ज़दार शहीदों के"



हम कर्ज़दार शहीदों के 


"इस कविता मैं हमारे वीर शहिदों का गुण-गान किया गया है"


हम कर्ज़दार उन
शहीदों के जो हमारी
रक्षा के लिये नित
देते जान चाहें हो कैसी
भी परिस्थिति वो करते
डटकर उसका सामना 
तिरंगे की शान को
वो न कभी मिटने देते
चांहे तिरंगे में ही लिपट
वापस पड़े उन्हें आना
कोई मोह इस दुनिया का
नहीं पथ उनका है भटका
सकता सबसे पहला है
देश के प्रति फ़र्ज़ वो धरती
माँ का देते  हैं कर्ज़ चुका
जानते हैं के कितनी कठिनाइयों 
से एक फौजी का जीवन है भरा
फिर भी हँस कर के चुन लेते हैं
वो अंगारों भरा यह रास्ता
डॉक्टर इंजिनिअर बनके हम
जितना  भी नाम कमायें
पर एक फौजी के जज्बे के आगे
हम सब हैं झुक जाएँ
नहीं कर सकता कोई 
भी देश की ऐसी सेवा
भगवान करे के इनके
परिवारों को हर सुख -सुविधा
मिल जाये हाँ हर सुख -सुविधा
मिल जाये
 

अर्चना







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