"रूठे हो क्यों "
"यह गीत रूठने और मनाने पर आधारित है"
रूठे हो क्यों
रूठे हो क्यों
हो,हो,हो
रूठे हो क्यों
हमसे तुम यूँ
तड़पाओ नहीं
कहो क्या मर्जी
वैसे लगते हसीं
इस रूप में भी
पर खामोशियाँ
मैं तो सह पाऊँ ना
मेरा चैन तो है
बस तुझ में बसा
तुम ही हो जिंदगी
ये तुम्हे भी पता
अब मान भी लो
यूँ तो जिद ना करो
देखो दिन है ढला
आ गई चाँदनी
कहो क्या मैने
कोई खता है करी
मैं हूँ शर्मिंदा अब
मानो मेरी नाजनीं
अब हँस दो जरा
कहना है मेरा
मैं हूँ जिस्म तेरा
धड़कन तू मेरी
ला ला ला
ला ला ला
ला ला ला
ला ला ला
हाँ धड़कन तू मेरी
हाँ धड़कन तू मेरी
(अर्चना)
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