यह ब्लॉग नई और रोचक हिन्दी भाषा की कविताओं ,भजनों,गीतों इत्यादि से सुसज्जित है|सभी कृतियां मेरे द्वारा लिखित हैं और इनका कहीं भी प्रकाशन अवैध है | कुछ चित्रों को गूगल इमेजेस से लिया गया है | लेखिका : अर्चना
rakshabandhan par paanch kavitayein
भाई-बहन का बंधन
भाई-बहन का बंधन
हर बंधन से सुहाना
नज़र लगे न किसी की
ये तो है सदियों पुराना
भाई की कलाई पर
बांधा बहन ने अपना प्यार
भाई भी आतुर रहे
करे पूरी बहन की चाह
पर ज़रूरी भी नहीं कि
कोई तोहफा भाई संग हो
सबसे ज़रूरी बात बस
“मेरा भैया सदा खुश हो ”
बचपन में बांटे खिलौने
अब बाँट रहे ये सुख-दुःख
निकल गया हँसते गाते
ये जीवन सुहाना
हर बंधन से सुहाना
नज़र लगे न किसी की
ये तो है सदियों पुराना
भाई की कलाई पर
बांधा बहन ने अपना प्यार
भाई भी आतुर रहे
करे पूरी बहन की चाह
पर ज़रूरी भी नहीं कि
कोई तोहफा भाई संग हो
सबसे ज़रूरी बात बस
“मेरा भैया सदा खुश हो ”
बचपन में बांटे खिलौने
अब बाँट रहे ये सुख-दुःख
निकल गया हँसते गाते
ये जीवन सुहाना
मेरे भैया जल्दी आना
मेरे भैया जल्दी आना
राह तक रही है बहना
साथ में भाभी बच्चे हो तो
मज़ा बहुत तब हो
मैंने बनाई बहुत मिठाई
संग में है कचौड़ी और दही
सब तुम को पसंद आएगा
मैं तो तड़के से हूँ लगी
उपहारों की पूंछते हो तो
वो लाना जो लगे सही
और तुम खुद ही समझदार हो
अब पायल मेरी ओल्ड फैशन हुई
टिंकू कह रहा मामा से कहना
बस एक दो खिलौने ला दें मामाजी
और चिंकी भी बोल रही है
मुझे मिल जाये सैंडल बाटा की
बस तुम भैया ध्यान से आना
सीट बेल्ट कस लेना भी
वरना झटके बहुत लगेंगे
हमारे गांव की सड़क है टेढ़ी मेड़ी
अबकी बार तो रक्षाबंधन पर
रौनक होगी बहुत सजी
कई साल बाद बड़ी जीजी भी
ले कर आ रही हैं राखी
राह तक रही है बहना
साथ में भाभी बच्चे हो तो
मज़ा बहुत तब हो
मैंने बनाई बहुत मिठाई
संग में है कचौड़ी और दही
सब तुम को पसंद आएगा
मैं तो तड़के से हूँ लगी
उपहारों की पूंछते हो तो
वो लाना जो लगे सही
और तुम खुद ही समझदार हो
अब पायल मेरी ओल्ड फैशन हुई
टिंकू कह रहा मामा से कहना
बस एक दो खिलौने ला दें मामाजी
और चिंकी भी बोल रही है
मुझे मिल जाये सैंडल बाटा की
बस तुम भैया ध्यान से आना
सीट बेल्ट कस लेना भी
वरना झटके बहुत लगेंगे
हमारे गांव की सड़क है टेढ़ी मेड़ी
अबकी बार तो रक्षाबंधन पर
रौनक होगी बहुत सजी
कई साल बाद बड़ी जीजी भी
ले कर आ रही हैं राखी
बहना फिर आना
रक्षा-बंधन के अवसर पर
मिल जायेंगे भाई-बहन
जो भी गिला और शिकवा होगा
दूर करेंगे भाई बहन
भाई को ये बात ना भाती
बहना केवल चार दिनों को आती
बहन भी अब तो बता-बता थकी
कि बच्चों के स्कूल और टूशन
मैं तो हूँ घर में ही फँस जाती
जब भी हैं मिलते राखी पर
पता नहीं शाम कैसे हो जाती
अभी-अभी तो आई थी बहना
दिल की बातें और कर पाती
पर ये तो हर घर की प्रथा है
बहन की सुसराल में नन्द को आना है
इसीलिए” बहना फिर आना ”
भाई ने यह हंसकर कहा है
बहना भी मुस्कुराकर कह देती
अगली बार सुनाएंगे दोनों
भूली और बिसरी हमारी कहानी
मिल जायेंगे भाई-बहन
जो भी गिला और शिकवा होगा
दूर करेंगे भाई बहन
भाई को ये बात ना भाती
बहना केवल चार दिनों को आती
बहन भी अब तो बता-बता थकी
कि बच्चों के स्कूल और टूशन
मैं तो हूँ घर में ही फँस जाती
जब भी हैं मिलते राखी पर
पता नहीं शाम कैसे हो जाती
अभी-अभी तो आई थी बहना
दिल की बातें और कर पाती
पर ये तो हर घर की प्रथा है
बहन की सुसराल में नन्द को आना है
इसीलिए” बहना फिर आना ”
भाई ने यह हंसकर कहा है
बहना भी मुस्कुराकर कह देती
अगली बार सुनाएंगे दोनों
भूली और बिसरी हमारी कहानी
छोटा भाई
छोटा भाई है जब से आया
बहना नहीं फूली समाई
पहले रक्षा- बंधन के लिए
बहन ने है खुद थाली सजाई
खुद है अभी बस तीन बरस की
लेकिन कर रही माँ की अगवाई
लाई है चुन के नए- नए क़पड़े
और माँ संग अब बनवाती है मिठाई
वो माला लाई है चन्दन भी लाई
और चूड़ी से भरी अपनी भी कलाई
बहना नहीं फूली समाई
पहले रक्षा- बंधन के लिए
बहन ने है खुद थाली सजाई
खुद है अभी बस तीन बरस की
लेकिन कर रही माँ की अगवाई
लाई है चुन के नए- नए क़पड़े
और माँ संग अब बनवाती है मिठाई
वो माला लाई है चन्दन भी लाई
और चूड़ी से भरी अपनी भी कलाई
कई दिनों से रोज बाजार थी जाती
लायी है प्यारे भैया के लिए
वो तो सुंदर सी दस -दस राखी
मतलब भी अभी रक्षाबंधन का
शायद ही वो जान है पाती
लेकिन भैया का मोह ऐसा होता
जिस को हर छोटी सी बच्ची
खुद ब खुद ही समझ है जाती
लायी है प्यारे भैया के लिए
वो तो सुंदर सी दस -दस राखी
मतलब भी अभी रक्षाबंधन का
शायद ही वो जान है पाती
लेकिन भैया का मोह ऐसा होता
जिस को हर छोटी सी बच्ची
खुद ब खुद ही समझ है जाती
दूर देश जो रहती बहना
दूर देश जो रहती बहना
भैया को भेजी है राखियां
दूर भले ही वो तो रहती
मन तो उसका स्वदेश रमा
रक्षा-बंधन वाले दिन उसने
भैया को वीडियो कॉल किया
छोटी बच्ची से ,भाई की उसने
बंधवाई सुबह ,जो भेजी राखियां
फिर कम से कम एक घंटे
भैया का पूरा हाल -चाल लिया
भाभी तुमने क्या -क्या बनाया
कॉल पर ही मुआयना कर लिया
बोली अगले साल जब आऊंगी
खाऊँगी जीभर मूंग दाल हलवा
आकर लूंगी महंगा गिफ्ट कोई
ये तुम पर भैया उधार रहा
बहन से मिलकर भैया का
चेहरा फिर तो चमक गया
बोला जल्दी आजा गुड़िया
मैं तो कब से रस्ता देख रहा
भैया को भेजी है राखियां
दूर भले ही वो तो रहती
मन तो उसका स्वदेश रमा
रक्षा-बंधन वाले दिन उसने
भैया को वीडियो कॉल किया
छोटी बच्ची से ,भाई की उसने
बंधवाई सुबह ,जो भेजी राखियां
फिर कम से कम एक घंटे
भैया का पूरा हाल -चाल लिया
भाभी तुमने क्या -क्या बनाया
कॉल पर ही मुआयना कर लिया
बोली अगले साल जब आऊंगी
खाऊँगी जीभर मूंग दाल हलवा
आकर लूंगी महंगा गिफ्ट कोई
ये तुम पर भैया उधार रहा
बहन से मिलकर भैया का
चेहरा फिर तो चमक गया
बोला जल्दी आजा गुड़िया
मैं तो कब से रस्ता देख रहा